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शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पास तो फर्जी डिग्री है। ऐसे इंसान को कोई हक नहीं कि वह 

में बताए कि क्या करना चाहिए।

उन्होंने कहा- हमें हिंदी भाषी लोगों से कोई परेशानी नहीं है। शिवसेना ने कभी उन पर हमला नहीं किया। राउत ने कहा-

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सबसे पहले तो ये दुबे हैं कौन? मैं महाराष्ट्र के हिंदी भाषी नेताओं से अपील करता हूं कि वे दुबे के बयान की निंदा करें। तभी मैं मानूंगा कि आप महाराष्ट्र से हैं।

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निशिकांत दुबे ने सोमवार को कहा था कि ठाकरे अपने घर महाराष्ट्र में अगर बहुत बड़े बॉस हो तो चलो बिहार, चलो यूपी, चलो तमिलनाडु, तुमको पटक-पटक कर मारेंगे। दुबे ने यह जवाब राज ठाकरे के उस बयान पर दिया, जिसमें राज ने कहा था- मराठी ना बोलने पर मारो, लेकिन वीडियो मत बनाओ।

राउत की 2 बड़ी बातें…

  • राउत ने कहा कि बीजेपी सांसद द्वारा मराठी लोगों के खिलाफ दिए गए बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट की चुप्पी हैरान करने वाली है। ऐसे मुख्यमंत्री को छत्रपति शिवाजी महाराज और बाला साहेब ठाकरे का नाम लेने का कोई हक नहीं है।
  • महाराष्ट्र में कभी भी हिंदी भाषी लोगों पर हमले नहीं हुए हैं। ऐसे में निशिकांत दुबे का बयान महाराष्ट्र की छवि को खराब करने की कोशिश है। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार दुबे को तुरंत जवाब दें और स्थिति स्पष्ट करें।

दुबे ने कहा था- किसी हिंदी-उर्दू भाषी को पीटकर दिखा दें तो मैं मानूंगा

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को कहा, ‘अगर ठाकरे में ज्यादा हिम्मत है, आप हिंदी भाषी को मारते हैं तो उर्दू भाषी, तमिल, तेलुगु को भी मारो। आप ये घटिया हरकत कर रहे हो।

दुबे ने कहा- ये अराजकता नहीं चलेगी। हम मराठी का सम्मान करते हैं। हम शिवाजी महाराज, तात्या टोपे, तिलक, लाजपत राय का सम्मान करते हैं। ये उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे जो कर रहे हैं, उसका हम प्रतिकार करते हैं।

राज ठाकरे ने कहा था- अगर आप किसी को पीटते हैं, तो वीडियो न बनाएं 

महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी एकता’ पर शनिवार यानी 5 जून को मुंबई के वर्ली सभागार में ‘मराठी विजय रैली’ की थी। दोनों ने 48 मिनट तक हिंदी-मराठी भाषा विवाद, मुंबई-महाराष्ट्र, भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

दोनों नेताओं ने कहा- तीन भाषा का फॉर्मूला केंद्र से आया। हिंदी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए। अगर मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी है तो हम गुंडे हैं।

राज ठाकरे ने कहा था, ‘चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई बेकार का ड्रामा करता है तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए। अगर आप किसी को पीटते हैं, तो घटना का वीडियो न बनाएं।