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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर इसी सप्ताह वॉइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं। CNN-News18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये मुलाकात गुरुवार 25 सितम्बर को संभावित है। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल इस समय संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क में है। गुरुवार को यह ट्रंप से मुलाकात के लिए वॉशिंगटन जाएगा। इसके पहले डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में 8 अरब मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ गाजा पर महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल था।

शहबाज शरीफ और असीम मुनीर के साथ ट्रंप की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को वापस लेने की इच्छा जताई है। वहीं, 29 सितम्बर को वॉशिंगटन में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ट्रंप के साथ मुलाकात होने वाली है। इस बैठक को एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास बताया जा रहा है, लेकिन इस्लामाबाद के लिए यह परीक्षा की घड़ी होगी।

हाल ही में मुनीर का तीसरा अमेरिका दौरा

पाकिस्तान के सामने गाजा, कतर और अफगानिस्तान पर वॉशिंगटन की योजनाओं में फंसने की चुनौती होगी, जबकि वह विनाशकारी बाढ़, आर्थिक संकट और चीन पर बढ़ती निर्भरता से जूझ रहा है। पाकिस्तान से बढ़ती अमेरिका की नजदीकी भारत के लिए भी असहज स्थिति पैदा करती है। इसी साल जून के बाद यह तीसरी बार है, जब पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर अमेरिका जा रहे हैं।

ट्रंप, शहबाज और मुनीर क्या करेंगे बात?

पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट जियो न्यूज ने पिछले सप्ताह बताया था कि ट्रंप और शरीफ पाकिस्तान में आई हालिया बाढ़, व्यापारिक संबंधों और कतर पर इजरायल के हवाई हमलों पर चर्चा कर सकते हैं। लेकिन दोनों के बीच बैठक में पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना प्रमुख का शामिल होना किसी बड़े एजेंडे की तरफ इशारा करता है। पाकिस्तानी मीडिया में कहा गया है कि ट्रंप के साथ बातचीत में भारत और पाकिस्तान के बीच मई के बाद तनाव पर भी चर्चा हो सकती है।

गाजा पर पाकिस्तान से चर्चा

उम्मीद की जा रही है कि ट्रंप गाजा का मुद्दा उठाएंगे और पाकिस्तान पर अमेरिकी रुख के साथ रुख अपनाने का दबाव डालेंगे। वह युद्धविराम की पहल में पाकिस्तान से सहयोग या फिर सैन्य या कूटनीतिक समर्थन भी मांग सकते हैं। इस बैठक में इस्लामिक नाटो यानी मुस्लिम या अरब रक्षा समझौता भी बातचीत का हिस्सा हो सकता है। पाकिस्तान ने हाल ही के दिनों में नाटो की तर्ज पर इस्लामिक देशों का सैन्य गठबंधन बनाने की वकालत दी है, जो एक इस्लामी राष्ट्र पर हमले को सभी पर हमले के रूप में माने। कतर पर इजरायली हमले के बाद इसकी प्रासंगिकता बढ़ गई है। पाकिस्तान और सऊदी के बीच हाल ही में ऐसा समझौता हुआ है।

बगराम एयरबेस के लिए दबाव

अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस चर्चा का एक प्रमुख विषय हो सकता है। डोनाल्ड ट्रंप ने बगराम एयरबेस पर फिर से अमेरिकी नियंत्रण हासिल करने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा न हुआ तो बुरी घटनाएं घटेंगी। इसके लिए वह पाकिस्तान से मांग कर सकते हैं कि वह तालिबान के साथ अमेरिका की पहुंच को आसान बनाए और बगराम को वापस हासिल करने के लिए बातचीत को प्रभावित करे।