मैनचेस्टर: क्रिकेट में 2019 तक कोई भी टीम मैच शुरू होने के बाद प्लेइंग इलेवन में बदलाव नहीं कर सकती थी। किसी भी परिस्थिति में उन 11 खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ता था, जो शुरुआत में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे। इंजरी की स्थिति में सिर्फ फील्डिंग के लिए खिलाड़ी मिलते थे। 2019 में आईसीसी कन्कशन सब्स्टीट्यूट का नियम लेकर आई। अगर किसी खिलाड़ी को सिर में चोट लगती है तो उनके जैसा खिलाड़ी ही प्लेइंग इलेवन में आ सकता है। अब इंजरी रिप्लेसमेंट को लेकर काफी चर्चा हो रही है।
भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन चोटिल हो गए थे। उनके पैर पर गेंद लगी और वह चल भी नहीं पा रहे थे। स्कैन में पता चला कि हड्डी में फ्रैक्चर है। इसके बाद भी इंजरी रिप्लेसमेंट पर चर्चा शुरू हो गई। सभी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
गौतम गंभीर रिप्लेसमेंट के पक्ष में
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर इंजरी रिप्लेसमेंट के पक्ष में हैं। उन्होंने चौथे टेस्ट के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘अगर अंपायर और मैच रेफरी देखते हैं और महसूस करते हैं कि यह एक गंभीर चोट है, तो मुझे लगता है कि यह बहुत जरूरी है। आप एक सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को बुला सकें अगर चोट साफ दिखाई दे रही हो। ऐसा करने में कुछ भी गलत नहीं है, खासकर इस तरह की सीरीज में जहां पिछले तीन टेस्ट मैचों में काफी कड़ा मुकाबला रहा है। सोचिए अगर हमें 11 के मुकाबले 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता। यह हमारे लिए कितना दुर्भाग्यपूर्ण होता।
बेन स्टोक्स ने बेतुका बता दिया
दूसरी तरफ इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स इस नियम के पूरी तरह खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इसका गलत फायदा उठाया जा सकता है। इंग्लैंड के कप्तान ने कहा- मुझे लगता है कि चोट के कारण रिप्लेसमेंट को लेकर इतनी चर्चा होना बिल्कुल बेतुका है। इसमें बहुत सी खामियां होंगी, जिसका फायदा उठाया जा सकता है। आप अपने 11 खिलाड़ी चुनते हैं और चोटें खेल का हिस्सा हैं। मुझे लगता है कि चोट के कारण रिप्लेसमेंट को लेकर बातचीत बंद कर देनी चाहिए क्योंकि अगर आप मेरा एमआरआई स्कैन निकलें तो मेरी जगह तुरंत कोई और टीम में आ जाएगा।