मनीला/टोक्यो: भारत और अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन की चौतरफा घेराबंदी तेज कर दी है। भारत एक तरह जहां अमेरिका को घेरने के लिए चीन के साथ डिप्लोमेसी का सहारा ले रहा है, वहीं चीन को काउंटर करने के लिए साम, दाम, दंड और भेद की नीति भी अपना रहा है। भारत बहुत जल्द दक्षिण चीन सागर में चीन के जानी दुश्मन फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों की तीसरी खेप सौंपने वाला है। ब्रह्मोस मिसाइल बनाने वाली कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस ज्वाइंट वेंचर के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर जयतीर्थ जोशी ने रूसी पत्रकारों को बताया है, कि फिलीपींस को भारत से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की तीसरी खेप जल्द ही मिलने वाली है।
उन्होंने कहा कि "रॉकेट तैयार हैं। हम उन्हें समय पर पहुंचा देंगे।" हालांकि उन्होंने डिलीवरी की तारीख नहीं बताई। भारत, फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों की तीसरी खेप की डिलीवरी उस वक्त करने वाला है, जब अमेरिका ने जापान में टाइफन और NMESIS सिस्टम की तेजी से तैनाती शुरू कर दी है। आपको बता दें कि फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइलों की तीन बैटरियों के लिए भारत के साथ 375 मिलियन डॉलर का समझौता किया था, जिसकी पहली डिलीवरी पिछले साल, दूसरी डिलीवरी अप्रैल महीने में और तीसरी डिलीवरी बहुत जल्द होने वाली है। ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को फिलीपींस की नौसेना अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है।
तीसरे बैच की डिलीवरी के साथ ही यह ऑर्डर पूरा हो जाएगा और इससे फिलीपींस की तटीय क्षमताएं, खासकर चीन से आने वाले समुद्री खतरों के खिलाफ, काफी मजबूत हो जाएंगी। इसके अलावा, कुछ रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि फिलीपींस की सेना भूमि-आधारित तटीय रक्षा के लिए होराइजन 3 सैन्य आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत और ज्यादा ब्रह्मोस बैटरियां खरीदने पर विचार कर रही है। ये मिसाइलें फिलिपींस मरीन कॉर्प्स के कोस्टल डिफेंस रेजिमेंट को दी जा रही हैं, जो चीन से संभावित खतरों को देखते हुए देश की समुद्री सीमा पर तैनात की जाएंगी।
दूसरी तरफ जापान भी अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती शुरू कर रहा है। अमेरिका और जापान, दोनों देशों ने 11 से 25 सितंबर तक चलने वाले वार्षिक सैन्य अभ्यास ‘रिजॉल्यूट ड्रैगन-2025’ की शुरुआत की है, जिसमें जापान के टाइप-12 सतह से सतह पर मार करने वाले मिसाइलों के साथ अमेरिकी टाइफन (MRC) और NMESIS सिस्टम को तैनात किया जाएगा। टाइफन मिसाइल सिस्टम अपनी मारक क्षमता के लिए जाना जाती है। यह एक मोबाइल, ग्राउंड-लॉन्च्ड सिस्टम है जो SM-6 और टॉमहॉक दोनों तरह की मिसाइलें दाग सकता है। जहां SM-6 वायु और समुद्री लक्ष्यों को 200 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर मार सकती है, वहीं टॉमहॉक 1,600 किलोमीटर तक जाकर दुश्मन के ठिकाने ध्वस्त कर सकती है। चार लॉन्चरों से लैस एक टाइफन बैटरी एक साथ 16 मिसाइलें दाग सकती है। जापान में यह सिस्टम इवाकुनी एयरबेस पर तैनात होगा, जहां से यह चीन के शंघाई जैसे अहम शहरों तक पहुंच सकता है।