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नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अटक गया है। अमेरिका अपने कुछ कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है लेकिन भारत को यह मंजूर नहीं है। अमेरिका चाहता है कि भारत मक्का और सोयाबीन जैसे कृषि उत्पादों पर टैरिफ में कमी की जाए। भारत सरकार एक ऐसे समझौते के लिए तैयार नहीं है जिससे देश के 140 करोड़ उपभोक्ताओं और किसानों को नुकसान हो। साथ ही जेनेटिकली मॉडिफाइड फूड को लेकर भी कई तरह की चिंताएं हैं। सूत्रों का कहना है कि इससे दोनों देशों के बीच बातचीत में रुकावट आ गई है। अगर 9 जुलाई तक कोई छोटा समझौता नहीं होता है, तो भारतीय उद्योगों को अमेरिका में 26% तक टैक्स देना पड़ सकता है।

भारत का कहना है कि ट्रंप प्रशासन का 10% का बेसलाइन टैरिफ काफी नहीं है। यह टैरिफ तो सभी देशों के लिए है। बातचीत शुरू होने पर भारत सरकार चाहती थी कि टेक्सटाइल, चमड़े के सामान, दवाओं और कुछ इंजीनियरिंग के सामान और ऑटो पार्ट्स जैसे उत्पादों पर कोई टैक्स न लगे। दूसरी ओर अमेरिकी अधिकारी चाहते हैं कि यह समझौता जल्दी हो जाए। उन्होंने भारत को बताया है कि ट्रंप प्रशासन तुरंत जीरो टैरिफ पर नहीं जा सकता। भारत चाहता है कि एक बार समझौता होने के बाद अमेरिका भविष्य में कोई नया टैक्स न लगाए।