ब्रसेल्स: अमेरिका के नेतृत्व वाले उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में अमेरिकी राजदूत मैथ्यू व्हिटेकर ने यूक्रेन युद्ध के लिए भारत पर हमला बोला है। व्हिटेकर ने भारत पर यूक्रेन में चल रहे रूस के सैन्य अभियान की फंडिंग का आरोप लगाया। फॉक्स न्यूज से बात करते हुए अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों को रूसी तेल की बिक्री से यू्क्रेन में मॉस्को के सैन्य अभियान का वित्तपोषण हो रहा है। व्हिटेकर ने मॉस्को पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए इन देशों पर अतिरिक्त प्रतिबंध और टैरिफ लगाने की अपील की।
अमेरिकी मीडिया ब्रॉडकास्टर फॉक्स पर व्हिटेकर ने दावा किया कि रूस की अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ रही है और तेल से होने वाली आय युद्ध के लिए धन जुटाने का मुख्य स्रोत बनी हुई है। व्हिटेकर ने जोर देकर कहा कि किसी भी अतिरिक्त प्रतिबंध और शुल्क को यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ कोऑर्डिनेट किया जाना चाहिए ताकि साफ संदेश दिया जा सके कि यूक्रेन में मॉस्को की आक्रामकता अस्वीकार्य है।
चीन और ब्राजील पर भी निशाना
व्हिटेकर ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि इस युद्ध के लिए जो पैसा खर्च हो रहा है, वह भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों को तेल की बिक्री से आ रहा है। मुझे लगता है कि अगले चरण में पुतिन के लिए व्यापार की लागत बढ़ाने और राजस्व को कम करने के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध और शुल्क लगाने होंगे। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि रूस की कार्रवाई स्वीकार नहीं की जा सकती। यूक्रेन में जारी मौत और विनाश को रोकना होगा।
अमेरिका लगातार भारत पर लगा रहा आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगियों ने रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर लगातार निशाना साधा है। ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए 25 प्रतिशत का अलग टैरिफ लगाया है, जिसके बाद भारतीय सामानों पर शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि भारत को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि यूरोपीय संघ अभी भी रूसी गैस का महत्वपूर्ण खरीदार बना हुआ है और चीन रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है।