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वॉशिंगटन: कंगाल पाकिस्तान अब अपने देश के परमाणु बम को किराये पर उठाने के लिए तैयार हो गया है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि नए रक्षा समझौते के तहत उनके देश का परमाणु कार्यक्रम जरूरत पड़ने पर सऊदी अरब को उपलब्ध कराया जाएगा। आसिफ का बयान इस बात का सीधा और साफ कबूलनामा है कि सऊदी अरब को पाकिस्तान का परमाणु छत्र मिल गया है। रक्षा मंत्री की टिप्पणी इस हफ्ते पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए पारस्परिक रक्षा समझौते के बाद आई है। इस समझौते पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हस्ताक्षर किए थे।

इजरायल के लिए संकेत

एपी की रिपोर्ट में विश्लेषकों के हवाले से बताया गया है कि यह कदम इजरायल के लिए एक संकेत है, जिसे लंबे समय से मध्य पूर्व का एकमात्र परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र माना जाता है। इस समझौते की टाइमिंग बहुत खास है। यह पिछले सप्ताह कतर में हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमले के बाद आया है। इस हमले में छह लोग मारे गए थे और इसने खाड़ी के अरब देशों में अपनी सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। अरब देश अब अमेरिकी सुरक्षा गारंटी को शंका की नजर से देख रहे हैं।

पाकिस्तान की परमाणु क्षमता

ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो टीवी को एक इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उनसे पूछा गा था कि क्या पाकिस्तान को परमाणु हथियारों से मिलने वाली प्रतिरोधक क्षमता सऊदी अरब को उपलब्ध कराई जाएगी। आसिफ ने कहा, ‘मैं पाकिस्तान की परमाणु क्षमता के बारे में एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं, यह क्षमता बहुत पहले ही स्थापित हो गई थी, जब हमने परीक्षण किए थे। तब से हमारे पास युद्ध के मैदान के लिए प्रशिक्षित सेनाएं हैं।’

सऊदी को मिलेगी पाकिस्तान छतरी

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे पास जो कुछ है और जो क्षमताएं हमारे पास हैं, वे इस समझौते के अनुसार (सऊदी अरब को) उपलब्ध कराई जाएंगी।’ बुधवार को हुए पाकिस्तान-सऊदी अरब रक्षा समझौते में कहा गया है कि किसी एक देश पर हमला दोनों देशों पर हमला होगा। परमाणु कार्यक्रमों की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने अभी तक पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, आसिफ ने इंटरव्यू के दौरान इजरायल की आलोचना की कि उसने अपने संदिग्ध परमाणु हथियार कार्यक्रम के बारे में IAEA के सामने खुलासा नहीं किया है।

सऊदी के पैसे से बना पाकिस्तानी परमाणु बम

सऊदी अरब का पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से पुराना नाता रहा है। पाकिस्तानी ब्रिगेडियर जनरल फिरोज हसन खान (रिटायर्ड) ने एपी से कहा कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान दिल खोलकर वित्तीय सहायता दी, जिससे उसका परमाणु कार्यक्रम जारी रहा। पाकिस्तान को परमाणु बम बनाने की अपनी मुहिम को लेकर वर्षों तक अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा। बाइडन प्रशासन के अंत में उसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को लेकर नए प्रतिबंध लगाए गए थे।