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इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने हाल ही में पुरुष क्रिकेट के 6 नियम बदले हैं, ताकि खेल को ज्यादा तेज, निष्पक्ष और रोचक बनाया जा सके। टेस्ट क्रिकेट में ये नियम नई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (2025-27) के लिए लागू हो चुके हैं।

वहीं, सीमित ओवर (वनडे और टी-20) फॉर्मेट में ये नियम 2 जुलाई 2025 से प्रभावी होंगे। ICC ने सभी देशों से नियमों में किए गए बदलावों की जानकारी साझा की है। जानिए, बदले हुए नियमों के बारे में…

क्रिकेट के 6 नियम बदले गए

1. टेस्ट क्रिकेट में स्टॉप क्लॉक नियम

ICC ने टेस्ट क्रिकेट में अब स्टॉप क्लॉक नियम लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत फील्डिंग टीम ओवर शुरू करने में 60 सेकेंड से अधिक देर करती है तो उसे दो बार वॉर्निंग दी जाएगी। इसके बाद भी अगर यह नियम टूटा तो पेनाल्टी के तौर पर उसके 5 रन काट लिए जाएंगे। टी-20 और वनडे क्रिकेट में यह नियम एक साल पहले ही लागू हो चुका है।

2. शॉर्ट रन पर जुर्माना

ICC ने तीनों फॉर्मेट के लिए शॉर्ट रन का नियम भी बदला है। जानबूझकर शॉर्ट रन लेने पर पहले 5 रन का जुर्माना लगता था। अब अगर बल्लेबाज एक्स्ट्रा रन चुराने के लिए जानबूझकर रन पूरा नहीं करता तो अंपायर फील्डिंग टीम से पूछेंगे कि वे पिच पर मौजूद दोनों में से किस बल्लेबाज को स्ट्राइक पर चाहते हैं। 5 रन के जुर्माना वाला नियम भी लागू रहेगा।

3. गलती से सलाइवा लगाई तो गेंद नहीं बदलेगी 

गेंद पर सलाइवा (लार) लगाने पर बैन जारी रहेगा। हालांकि, गलती से सलाइवा लगाने पर बॉल बदलना अनिवार्य नहीं होगा। अंपायर सिर्फ तभी गेंद बदलेंगे, जब उसकी स्थिति में भारी बदलाव हो, जैसे कि गेंद बहुत गीली हो या उसमें एक्स्ट्रा चमक हो।

यह फैसला अंपायर के विवेक पर निर्मर होगा। अगर उसे लगता है कि गेंद की स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है तो इसे नहीं बदला जाएगा। यह नियम भी तीनों फॉर्मेट के लिए है।

4. कैच रिव्यू में LBW की भी जांच होगी

ICC ने कैच का नियम भी बदला है। अगर कैच आउट रीव्यू में गलत साबित होता है, लेकिन गेंद पैड पर लगी हो तो टीवी अंपायर LBW की भी जांच करेंगे। अगर बैटर LBW आउट है तो उसे आउट दे दिया जाएगा। यह नियम भी तीनों फॉर्मेट के लिए है।

5. नोबॉल पर कैच

सॉफ्ट सिग्नल (अंपायर का लिया रिव्यू) लिया गया है और नो बॉल पर कैच पर सही है तो बल्लेबाजी टीम को नो-बॉल का एक रन एक्स्ट्रा मिलेगा। कैच सही नहीं है तो नो बॉल का एक रन और दौड़कर बनाए गए रन भी मिलेंगे।

पहले कैच के डाउट होने पर फील्ड अंपायर थर्ड अंपायर को रैफर करता था और टीवी अंपायर बताता था कि ये नो बॉल थी, तो कैच की जांच नहीं होती थी। लेकिन अब उसकी जांच की जाएगी। यह नियम भी तीनों फॉर्मेट के लिए है।