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इंदौर। जो महिला मरी ही नहीं, उसकी हत्या के आरोप में कैसे किसी को जेल में रखा जा सकता है। इस टिप्पणी के साथ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 18 माह से जेल में बंद हत्या के एक आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदश पारित किया। दरअसल, डेढ़ वर्ष पहले झाबुआ जिले में एक महिला का शव मिलने के बाद कुछ बयानों के आधार पर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोप थे कि इन्होंने महिला से संबंध बनाए और उसके बाद उसकी डंडों से पीटकर हत्या कर दी, लेकिन दो महीने पहले वही महिला पुलिस थाने पहुंच गई, जिसे मृत बताया जा रहा था।

  • प्रकरण के अनुसार, झाबुआ जिले के थांदला थाना क्षेत्र में 14 सितंबर 2023 को पंचायत प्रतिनिधि प्रकाश कटारा को अज्ञात महिला का शव पानी में मिला था।
  • पुलिस को सूचना देने पर उसकी पहचान क्षेत्र की एक महिला के रूप में हुई थी। पुलिस ने कहा कि जांच में पता चला कि उसकी दोस्ती शाहरुख नामक युवक से थी, अंतिम बार उसी के साथ देखी गई थी।
  • बाद में पुलिस ने शाहरुख को तो गिरफ्तार किया ही, उसके बयान के आधार पर इमरान समेत तीन अन्य लोगों को महिला की हत्या और दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
  • आरोपित शाहरुख ने तो न्यायिक अभिरक्षा में यह बयान दिया था कि महिला से संबंध बनाए थे। 500 रुपये की बात पर विवाद हुआ, सबने उसकी डंडों से पीट कर हत्या कर दी थी।
  • दो महीने पहले इस प्रकरण में चौंकाने वाला राजफाश तब हुआ, जब जिस महिला की हत्या के आरोप में आरोपितों को जेल भेजा था, वो थाने में पेश हुई और बयान दिया कि वह बाहर मजदूरी कर रही थी।
  • उसके साथ कोई घटना नहीं हुई। पुलिस ने महिला का डीएनए करवाया। पहचान की पुष्टि भी हुई। इस पर एक आरोपित इमरान की ओर से जमानत याचिका दायर की गई।