प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद के साथ ही पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को समन जारी किया है। मामला ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़ा है। दोनों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। उन्हें 1xBet नाम के एक सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में तलब किया गया है। यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज है। इससे पहले ED ने एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला को भी समन भेजा था, लेकिन वह पूछताछ के लिए निदेशालय के दफ्तर नहीं पहुंचीं।
ईडी ने उर्वशी रौतेला और बंगाली एक्टर अंकुश हाजरा सहित कई अन्य हस्तियों को भी समन जारी किया है। न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकुश हाजरा मंगलवार को इस मामले में निर्धा
युवराज से 23 सितंबर को, सोनू सूद से 24 सितंबर को होगी पूछताछ
पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को 23 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है, जबकि सोनू सूद को 24 सितंबर को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है। इसके साथ ही पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को भी इसी मामले में 22 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। युवराज सिंह इस मामले में दिल्ली में तलब किए जाने वाले चौथे क्रिकेटर हैं। पिछले कुछ हफ्तों में, ईडी पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन से भी पूछताछ कर चुकी है।
मार्च में विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज को भी दिया गया समन
मार्च महीने में, ईडी ने हैदराबाद में एक्टर विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, मांचू लक्ष्मी, प्रणीता और निधि अग्रवाल समेत 25 मशहूर हस्तियों के खिलाफ अवैध सट्टेबाजी ऐप्स का कथित तौर पर प्रचार करने के आरोप में एक FIR दर्ज की थी। शिकायत में कहा गया था, ‘इन अवैध प्लेटफॉर्म्स में लाखों रुपये लगे हुए हैं और यह कई परिवार, खासकर मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को इसने संकट में डाला है।’
ईडी के निशाने पर 29 नामचीन हस्तियां
ईडी की जांच में अब तक 29 व्यक्ति शामिल हैं, जिनमें एक्टर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के साथ दिग्गज क्रिकेटर्स शामिल हैं। इन सभी पर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अवैध सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार करने का संदेह है। एजेंसी इन विज्ञापनों से जुड़े वित्तीय लेनदेन और ऑनलाइन ट्रेल्स की जांच कर रही है, ताकि इस धंधे की व्यापकता का पता लगाया जा सके।
प्रकाश राज और राणा दग्गुबाती ने दी सफाई
बीते दिनों, प्रकाश राज ने स्वीकार किया था कि 2015 में वह ऐसे ही एक विज्ञापन में दिखाई दिए थे। लेकिन फिर एक साल के भीतर ही उन्होंने उससे किनारा कर लिया था। दूसरी ओर, राणा दग्गुबाती की टीम ने भी सफाई देते हुए बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि उनका विज्ञापन का समझौता कानून के अनुरूप था।