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मथुरा: वृंदावन के सुप्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने सोमवार को गोवर्धन में गिरिराज महाराज की लगभग 7 किलोमीटर की पैदल सप्तकोसीय परिक्रमा लगाई। महाराज जी के आगमन की सूचना मिलते ही, परिक्रमा मार्ग पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।

प्रेमानंद महाराज सोमवार सुबह वृंदावन से छटीकरा मार्ग होते हुए सीधे राधाकुंड पहुंचे। यहीं से उन्होंने अपने सैंकड़ों भक्तों के साथ परिक्रमा की शुरुआत की। उनकी परिक्रमा कुसुम सरोवर, मानसी गंगा और मुखारविंद जैसे पवित्र स्थलों से होते हुए आगे बढ़ी।सबसे भावुक क्षण तब आया जब महाराज जी ने दानघाटी मंदिर पर पहुंचकर गिरिराज महाराज का दूध से अभिषेक किया और उनका पूजन किया। ब्रजवासियों ने परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह रुककर फूल बरसाए और उनका भव्य स्वागत किया।

एक विशेष बात यह है कि प्रेमानंद महाराज किडनी से संबंधित स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, इसके बावजूद उनकी भक्ति और ऊर्जा में कोई कमी नहीं दिखाई दी। उनकी यह दृढ़ता और भक्ति दूसरों को भी राधा नाम जप के लिए प्रेरित करती रही। महाराज जी के पीछे-पीछे चल रहे सैकड़ों भक्तजन मंजीरा, ढोलक और मृदंग की थाप पर कीर्तन करते हुए चल रहे थे। पूरा परिक्रमा मार्ग ‘राधे-राधे’ की गूंज से गुंजायमान हो उठा। भक्तों में उनकी एक झलक पाने की आतुरता साफ दिखाई दे रही थी।

व्यवस्था बनाए रखने के लिए परिक्रमा के दौरान पर्याप्त पुलिस बल भी उनके साथ मौजूद रहा। प्रेमानंद महाराज की यह परिक्रमा केवल धार्मिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह संदेश था कि सच्ची भक्ति के आगे शारीरिक कष्ट भी गौण हो जाते हैं।