उत्तर बस्तर कांकेर। कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की अध्यक्षता में आज फ्लोरोसिस की रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अंतर्विभागीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले में जलस्रोतों में फ्लोराइड के स्तर पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जिले के सभी फ्लोराइड प्रभावित स्रोतों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट (एफआरपी) लगाने तथा बंद पड़े नलकूप की शीघ्र मरम्मत करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही ऐसे ग्रामों और जल स्रोतों को चिन्हांकित करने के निर्देश दिए, जहां पानी में फ्लोराइड का स्तर अधिक व नुकसानदायक हो।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक के उपरांत आयोजित अंतर्विभागीय बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि फ्लोरोसिस एक जन स्वास्थ्य लोक स्वास्थ्य समस्या है, यह लंबे समय तक पेयजल, खाद्य उत्पादों एवं औद्योगिक प्रदूषकों के माध्यम एवं फ्लोराइड के अत्यधिक सेवन के कारण होता है, जिसके चलते दंत फ्लोरोसिस, स्केलेटल फ्लोरोसिस एवं नान-स्केलेटल फ्लोरोसिस जैसी प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां होती हैं। जब फ्लोराइड के स्तर में अत्यधिक वृद्धि होती है, तो यह दांतों और हड्डियों में विकृति, दर्द और हड्डियों के कमजोर होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
यह भी बताया गया कि फ्लोरोसिस की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु जिले के प्रभावित 20 ग्राम पंचायतों में संबंधित विभाग के समन्वय से सर्वेक्षण एवं जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। साथ ही चिन्हांकित 52 स्कूलों में फ्लोराइड नियंत्रण पोषण वाटिका तैयार किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि फ्लोरोसिस एक गैर संचारी रोग है, इसके नियंत्रण हेतु खान-पान में बदलाव, नियमित रूप से चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार, फिजियोथेरेपी उपचार से नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही पूरक खुराक विटामिन सी एवं डी, एंटी ऑक्सीडेंट, कैल्सियम जैसे पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए।
इस पर कलेक्टर ने फ्लोरोसिस के रोकथाम, निदान और प्रबंधन के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि ऐसे गांवों और पेयजल स्रोतों को चिन्हांकित कर सूची उपलब्ध कराएं, जहां पानी में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से अधिक है। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्रों के स्कूलों एवं बच्चों सहित समुदाय में फ्लोरोसिस की जांच करने हेतु सीएमएचओ को निर्देशित किया, जिससे मरीजों का चिन्हांकन कर समय पर उनका समुचित उपचार किया जा सके। बैठक में डीएफओ हेमचंद पहारे, जिला पंचायत सीईओ हरेश मंडावी, अपर कलेक्टर जितेन्द्र कुर्रे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।