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टेस्ला कंपनी के बुरे दिन चल रहे हैं। निवेशकों को एलन मस्क के राजनीतिक विचारों से परेशानी हो रही है। एलन मस्क ने संकेत दिया है कि वह ट्रंप प्रशासन के डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे सकते हैं। शायद यह कदम टेस्ला को बचाने के लिए बहुत देर से उठाया जा रहा है। टेस्ला कुछ समय पहले तक अमेरिकी ऑटोमोबाइल का चमकता सितारा थी। जब 2008 में पहली टेस्ला आई, तो शाइनी रोडस्टर 3.9 सेकंड में 0 से 60mph की गति पकड़ सकती थी। इसकी टॉप स्पीड 125 मील प्रति घंटा थी। यह एक बार चार्ज करने पर 244 मील चल सकती थी। यह एनर्जी बचाने में माहिर थी। इसका कार्बन फुटप्रिंट भी कम था। लगभग $100,000 की कीमत पर यह बहुत खास थी। यह स्टाइल, अंतरात्मा और उद्देश्य का प्रतीक थी।

टेस्ला ने आगे चलकर छह और मॉडल बनाए। बाजार में टेस्ला की वैल्यू आधा दर्जन पारंपरिक कार कंपनियों के संयुक्त मूल्य से भी अधिक थी। एलन मस्क कंपनी की स्थापना के एक साल बाद 2004 में कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक के रूप में शामिल हुए थे। आज वह दुनिया के सबसे बड़े रईस हैं। टेस्ला ने तकनीक के वादे के चमकदार प्रतीक के रूप में लोगों के दिलों पर राज किया। फिर, ट्रंप का दौर आया। एलन मस्क ट्रंप के समर्थक और फाइनेंसर बन गए। उन्हें डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का प्रमुख बना दिया गया। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों की छंटनी करनी शुरू कर दी। लोगों की नजरों में वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के करीबी विश्वासपात्र बन गए। जैसे-जैसे मस्क की किस्मत बढ़ी, टेस्ला की किस्मत डूबती गई।