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ढाका: बांग्लादेश नेशलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने 17 साल का स्व-निर्वासन खत्म करते जल्द बांग्लादेश लौटने का संकेत दिया है। रहमान की योजना फरवरी में होने वाले बांग्लादेश के आम चुनावों में हिस्सा लेने की है ताकि प्रधानमंत्री बनने का उनका पुराना सपना पूरा हो सके। बीत 17 साल से लंदन में रह रहे बीएनपी नेता इस हफ्ते बीबीसी बांग्ला को एक इंटरव्यू दिया था। इसमें रहमान ने कहा, ‘कुछ वाजिब कारणों से मेरी वापसी नहीं हो पाई है, लेकिन समय आ गया है कि और इंशाअल्लाह मैं जल्द ही लौटूंगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि वो (आगामी) चुनाव लड़ रहे हैं।

पाकिस्तान की ISI से रहमान के रिश्ते

जब उनसे पूछा गया कि अगर बीएनपी सरकार बनती है तो क्या वह प्रधानमंत्री बनेंगे, तो रहमान ने कहा, ‘जनता तय करेगी।’ बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया और जनरल जिया उर रहमान के बड़े बेटे तारिक रहमान का इतिहास दागदार रहा है। उन पर बांग्लादेश की दुश्मन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ संबंध रखने का आरोप है। कहा जाता है कि उन्होंने 2001 से 2006 के दौरान आईएसआई से रिश्ते रखे, जब उनकी मां प्रधानमंत्री थी। उस समय रहमान ही पावर सेंटर थे।

भारत के खिलाफ साजिश

रहमान अभी भी बांग्लादेश में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि उनकी मां खालिदा जिया अस्वस्थ हैं। कहा जाता है कि 2001 से 2006 के बीच रहमान ने कथित तौर पर विपक्ष को निशाना बनाने की साजिश रची और बांग्लादेश की धरती से विद्रोहियों और आतंकवादी समूहों को बढ़ावा दिया। उन पर भारत विरोधी उग्रवादियों को बढ़ावा देने और पूर्व प्रधानमंत्री व अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने का आरोप लगा था। इसके साथ ही 2004 में चटगांव हथियार तस्करी मामले में भी उनका नाम सामने आया था।साल 2023 में बांग्लादेश की एक अदालत ने रहमान को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाते हुए 9 साल की सजा सुनाई थी। उनके ऊपर 2007 में यह मामला दायर किया गया था, जब एक कार्यवाहक सरकार सत्ता में थी। रहमान ने पिछले साल जुलाई मेंछात्र विरोध प्रदर्शनों के दौरान शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए बयान जारी किए थे। रहमान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, तानाशाह हसीना और छात्र लीग के उनके गुंडे और पुलिस हत्याएं कर रहे हैं , लोगों को जबरन गायब कर रहे हैं और सैकड़ों लोगों की लक्षित गिरफ्तारियां कर रहे हैं।

शेख हसीना के जाने के बाद होगी वापसी

बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भागना पड़ा था। शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने के लगभग चार महीने बाद बांग्लादेश हाई कोर्ट ने 2004 के ग्रेनेड हमला मामले में तारिक रहमान समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इसी साल सितम्बर में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।