तेल अवीव/नई दिल्ली: भारत ने हाल ही में एक मल्टी लेयर्ड डिफेंस सिस्टम बनाने की अपनी रणनीतिक योजना पेश की है। इस प्लान के तहत भारत के एयर डिफेंस शील्ड में इजरायली बराक-8 डिफेंस सिस्टम को शामिल किया गया है। बराक-8 को LR-SAM (Long Range Surface-to-Air Missile) और MR-SAM (Medium Range Surface-to-Air Missile) नामों से भी जाना जाता है। बराक-8 को विमान, हेलीकॉप्टर, एंटी-शिप मिसाइल और यूएवी के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू जेट सहित किसी भी प्रकार के हवाई खतरे से बचाव के लिए डिजाइन किया गया है। इस सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने भारत के साथ मिलकर डेवलप किया है।
आपको बता दें कि साल 2017 और 2023 के बीच, यह सिस्टम इजरायली डिफेंस इंडस्ट्री के अब तक के सबसे बड़े सौदे का स्रोत रही। अप्रैल 2017 में भारत ने करीब 1.6 अरब डॉलर में बराक 8 सिस्टम को खरीदा था और लगभग एक महीने बाद 630 मिलियन डॉलर में बराक 8 मिसाइलों के नौसैनिक वैरिएंट को भी भारत ने खरीदा था। भारतीय युद्धपोत और एयरक्राफ्ट कैरियर पर बराक-8 एयर डिफेंस सिस्टम को तैयात किया गया है। इसके अलावा IAI ने साल 2023 में जर्मनी को करीब 3.5 अरब डॉलर में एरो-3 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की बिक्री की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रमुख शहरों और महत्वपूर्ण औद्योगिक ठिकानों में एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करने की घोषणा लाल किले से की थी। ऐसे में बराक-8 भले ही इजरायल के साथ मिलकर बनाया गया हो, लेकिन इसे अब स्थानीय उत्पादन और तकनीकी ट्रांसफर के साथ भारत की रक्षा परियोजनाओं में शामिल किया जा रहा है। मोदी ने लक्ष्य रखा है कि 2035 तक देश की सभी सामरिक और संवेदनशील सुविधाओं को "फुल सिक्योरिटी कवरेज" प्रदान किया जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि न्यूक्लियर इंस्टॉलेशंस, बड़े एयरबेस, मेट्रोपॉलिटन शहरों और सैन्य ठिकानों को पूरी तरह से एयर डिफेंस शील्ड के तहत लाया जाएगा। बराक-8 इस मामले में एक शानदार विकल्प बनता है, क्योंकि ये पहले ही अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर चुका है और इसे इजरायल के साथ साथ भारत में भी कुछ जगहों पर तैनात किया गया है। मई में पाकिस्तान ने जब भारत पर फतह मिसाइल दागी थी, उसे हरियाणा में सिरसा के ऊपर बराक डिफेंस सिस्टम ने ही मारा था।