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भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की राज्य स्तरीय कार्यशाला में सोमवार को सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि 2024 में महिलाओं-बच्चों से रेप, छेड़छाड़ के मामले घटे हैं।

एमपी ही वो राज्य था जिसने महिलाओं खासकर बच्चों के प्रति इस प्रकार के अपराधों में मृत्युदंड का प्रावधान किया है। 2018 से 2024 के बीच देखें तो सरकार की सख्ती दिखाई देती है। यही कारण है कि लगभग 48 मामलों में कोर्ट ने मृत्युदंड का निर्णय दिया। सीएम ने कहा जिस समाज में बच्चे, किशोर, बालिकाएं अगर सुरक्षित हैं तभी भारत का भविष्य है।

सीएम की बात पर एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ट्विट कर महिलाओं को असली सुरक्षा देने की बात कही।

कार्यशाला में महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्रविंद्र मोरे, शिक्षा विभाग के डीईओ, डीपीसी, महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ, ट्राइबल विभाग के एसी और बाल कल्याण समितियों के अध्यक्ष और सदस्य, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य मौजूद रहे।

बच्चे सुरक्षित तभी भारत का भविष्य है

सीएम ने कहा जिस समाज में बच्चे, किशोर, बालिकाएं अगर सुरक्षित हैं तभी भारत का भविष्य है। कई बार मेरे मन में प्रश्न आता है कि भगवान श्री राम को जब विश्वामित्र जी राम लक्ष्मण को मांगने आए थे। उस समय उनकी आयु 11 साल थी। उस समय विश्वामित्र जी ने दशरथ जी की सेना क्यों नहीं मांगी, बच्चों को ही क्यों लिया? उनका ये निर्णय हम सबके लिए रहस्य है।

लेकिन, सच्चे अर्थों में रामायण बनने की शुरुआत ही वहीं से होती है। जब वे राम-लक्ष्मण को ले जाते हैं तो बाल मन जिज्ञासु होकर पूछता है कि ये क्या है तो विश्वामित्र जी बताते हैं कि ये ऋषि मुनियों की हड्डियों के ढेर हैं। उनके ऊपर तमाम अत्याचार करके हड्डियों का ढ़ेर बना दिए गए।

जैसे ही उनको पता चलता जाता वैसे ही सच्चे अर्थों में यथार्थ के जीवन से उनका परिचय होता जाता है। वे पुरुषार्थी थे तो उन्होंने उन कष्टों को खत्म किया। वो गए कहां थे और पहुंच कहां गए? ये दृष्टि समाज और समाज के माध्यम से गुरु की है। ये समाज की चेतना है कि समाज में उठने वाले सवालों के समाधान का रास्ता कैसे मिलता है ये रामायण हमें बताती है।

मंत्री बोलीं- अनाथ बच्चों के पुनर्वास की जिम्मेदारी आपकी

कार्यक्रम में महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा- बच्चों को न्याय दिलाने के लिए जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि समाजसेवा का अवसर बार-बार नहीं मिलता। अपनी पूरी सजगता से बच्चों का संरक्षण हो ये ध्यान रखें। अनाथ बच्चा कहां जाएगा उसका पुनर्वास कहां होगा? ये अधिकार आप लोगों के पास है इस अधिकार से बच्चों के अधिकार संरक्षण का काम करें।

जरूरतमंद बच्चे जो आप तक नहीं आ पाए उन तक आप पहुंचें। बच्चे ईश्वर का रूप होते हैं। वह देश का भविष्य हैं यदि हमें प्रधानमंत्री मोदी जी के अनुरुप देश का भविष्य स्वर्णिम बनाना है तो आज के बच्चों के वर्तमान और भविष्य को भी संवारना होगा।

पटवारी बोले- महिलाओं को असली सुरक्षा दीजिए

पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम की बात पर तंज कसते हुए लिखा मुख्यमंत्री जी, झूठे कागजों की ये सच्ची कलाबाजियां तालियां तो बजवा सकती हैं, लेकिन महिला उत्पीड़न के असली आंकड़ों को छुपा नहीं सकतीं! यदि बीजेपी मप्र यह सोच रही है कि दर्ज नहीं करने से महिला अपराध कम दिख जाएगा, तो मप्र को भयभीत करने वाला भ्रम है!