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भोपाल नगर निगम की बजट मीटिंग 25 या 26 मार्च को हो सकती है। इसमें जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। संभावना है कि ‘शहर सरकार’ जलकर को 10% तक बढ़ा सकती है। ऐसा होता है जनता को हर महीने 20 रुपए ज्यादा चुकाने पड़ेंगे। बजट मीटिंग से पहले एमआईसी (मेयर इन कौंसिल) में यह प्रस्ताव लाया जा सकता है।

एमआईसी होली के बाद होगी। जिसमें जल कर, संपत्ति कर जैसे कई विषयों पर चर्चा होगी। यदि सभी एमआईसी सदस्य टैक्स बढ़ाने पर सहमत होते हैं तो परिषद में प्रस्ताव लाया जाएगा। जानकारी के अनुसार, इस बार बजट 2600 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है।

3 साल पहले बढ़ा था टैक्स

बता दें कि करीब 3 साल पहले जल कर पर 15% की वृद्धि की गई थी। शहर में पौने 3 लाख से ज्यादा नल कनेक्शन हैं। इनमें 2 लाख कनेक्शन 2400 स्क्वेयर फीट या इससे कम एरिये वाले मकानों में लगे हैं। करीब 25 हजार कनेक्शन 2400 स्क्वेयर फीट एरिये वाले मकानों में लगे हैं। बाकी गरीब वर्ग के घरों में कनेक्शन है। जिन लोगों के मकान 2400 स्क्वेयर फीट तक एरिये में बने हैं, उन्हें 210 रुपए देने पड़ रहे हैं। प्रतिमाह 30 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी। जिनके मकान 2400 स्क्वेयर फीट से अधिक एरिये में बने हैं, वे 300 रुपए प्रतिमाह चुका रहे हैं।

मौजूदा कार्यकाल में पहली बार बढ़ेगा

यदि जल कर में बढ़ोतरी होगी है तो यह मौजूदा कार्यकाल में पहली बार होगा। हालांकि, पिछली बैठकों में जल कर बढ़ाने की चर्चा थी, लेकिन बाद में फैसला टाल दिया गया था।

व्यक्तिगत नल कनेक्शन को लेकर फैसला नहीं

इधर, राजधानी में अब तक इंडिविजुअल (व्यक्तिगत) कनेक्शन देने पर फैसला नहीं हो सका है। इस कारण हजारों लोग परेशान हैं। दो साल पहले इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई थी। इसके बाद ‘शहर सरकार’ ने बल्क की जगह व्यक्तिगत कनेक्शन देने का फैसला लिया था। इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी। बावजूद अब तक लोगों को बल्क की जगह व्यक्तिगत कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं।

बता दें कि बल्क कनेक्शन का मुद्दा कई बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी उठ चुका है। खासकर होशंगाबाद रोड, कोलार रोड की कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन की बाध्यता होने से लोग कनेक्शन नहीं ले पा रहे हैं। लोग मांग उठा रहे हैं कि उन्हें सिंगल यानी व्यक्तिगत कनेक्शन दिए जाए। इससे बेवजह का बोझ नहीं पड़ेगा।

3 महीने के बाद होगी मीटिंग

पिछली बैठक 13 दिसंबर को हुई थी। यह मीटिंग करीब तीन महीने में हुई थी, जबकि नियम 2 महीने के अंदर का है। इस बार भी एक महीना ज्यादा बीत चुका है। ऐसे में विपक्ष यानी, कांग्रेस पार्षदों ने विरोध जताया है। हालांकि, 24-25 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट थी। मीटिंग में देरी होने की वजह इसे ही बताया जा रहा है।