कांकेर। कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने मंगलवार को साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत एवं लंबित निर्माण कार्यों को शीघ्रता से प्रारंभ कराने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा सभी जनपद पंचायतों के सीईओ को दिए। साथ ही उन्होंने नियद नेल्लानार योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह 10.30 बजे से आयोजित समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने नगरीय निकाय निर्वाचन एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण ढंग से निष्पादित कराए जाने पर सभी अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं दी। तत्पश्चात उन्होंने नियद नेल्लानार योजना के तहत चयनित ग्रामों में अब तक हुए विकास कार्यों की जानकारी लेते हुए नर्सिंग स्टॉफ नियुक्त करने, हैलीपेड निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने, इन ग्रामों में स्थित स्कूलों में शिक्षकों का समायोजन करने तथा जिला निर्माण समिति एवं जिला खनिज न्यास निधि के अधीन स्वीकृत सड़क एवं पुल-पुलिया निर्माण के लंबित कार्यों को अविलंब शुरू कराने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण के 502 स्वीकृत में से 235 कार्य पूर्ण नहीं होने पर असंतोष प्रकट करते हुए कलेक्टर ने इसमें तेजी लाने व अप्रारंभ कार्यों को जल्द शुरू कराने के निर्देश संबंधित जनपद पंचायत के सीईओ को दिए। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में स्वीकृत 25 हजार 851 प्रकरणों में से 23 हजार 681 हितग्राहियों को प्रथम किश्त और 10 हजार 840 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त जारी की जा चुकी है, इसके बाद भी कार्यों में समुचित प्रगति नहीं आई है। उन्होंने अप्रारंभ आवास को प्रारंभ कराने एवं अपूर्ण निर्माण को पूर्ण कराने रणनीति तैयार कर अभियानपूर्वक कार्य कराने हेतु जिला पंचायत के सीईओ हरेश मंडावी को निर्देशित किया। इसी तरह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में प्रगति लाने तथा पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने के लिए निर्देशित किया। इसी तरह आयुष्मान भारत योजना के तहत 93 प्रतिशत उपलब्धि को शत-प्रतिशत कराने पर जोर दिया। इसके अलावा आयुष्मान वय वंदना योजना के तहत 26 हजार 358 लक्ष्य के विरूद्ध अब तक सिर्फ 26 प्रतिशत पंजीयन होने के संबंध में ग्रामीण क्षेत्र के वयोवृद्धजनों को योजना से जोड़ने, उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए।