नई दिल्ली । एजुकेशन लोन को सिविल स्कोर कम होने के कारण आवेदन को निरस्त नहीं किया जा सकता है। केरल हाईकोर्ट ने बैंकों को सख्त फटकार लगाते हुए कहा , शिक्षा ऋण के लिए आवेदनों पर विचार करते समय बैंकों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हाईकोर्ट ने छात्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, छात्र राष्ट्र के भावी  निर्माता हैं। सिबिल स्कोर कम होने के कारण उसे पढ़ाई से वंचित नहीं किया जा सकता है।
केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा, याचिकाकर्ता ने बैंक से 2 ऋण लिए थे। उसमें से एक ऋण का  16667 रूपया अभी बकाया है। बैंक ने दूसरे ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया था। इस कारण याचिकाकर्ता का सिविल स्कोर कम हो गया था। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था, कि शिक्षा ऋण की राशि तुरंत नहीं मिलने के कारण, याचिकाकर्ता का भविष्य मुश्किल में पड़ जाएगा। सिविल स्कोर के आधार पर इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए, बैंकों को सख्त निर्देश दिया है, शिक्षा ऋण के मामले में सिविल स्कोर आधार नहीं हो सकता है।