मुंबई । महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बीजेपी भले ही बंटेंगे तो कटेंगे नारा चला रही हो लेकिन महायुति गठबंधन के साथी दल इसे लेकर सावधान हैं। अजित पवार ने पहले कह दिया था और अब एकनाथ शिंदे ने भी कहा है कि बंटेंगे तो कटेंगे वाला मामला महाराष्ट्र में नहीं चलेगा।

सीएम योगी के नारे को विभाजनकारी नारा मानकर चल रहे अजित पवार और एकनाथ शिंदे
सीएम योगी के नारे को अजित पवार और एकनाथ शिंदे दोनों ही विभाजनकारी नारा मानकर चल रहे हैं। क्योंकि दोनों ही दलों को लगता है कि इससे उनका मुस्लिम वोटर उनसे दूर चला जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे वाली लाइन पर महाराष्ट्र में राजनीति नहीं होनी चाहिए। महाराष्ट्र में बीजेपी की दोनों सहयोगी पार्टियां विभाजनकारी एजेंडे को इनकार कर रही हैं। दरअसल एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को महाराष्ट्र में सेकुलर वोट का साथ मिलने की उम्मीद है। ऐसे में यह नारा उसे सेकुलर वोट बैंक का समर्थन मिलने में बाधक बन सकता है। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र की पारंपरिक राजनीति में दोनों का मजबूत यकीन है और कहा जा रहा है कि सामाजिक समीकरणों में सेकुलर वोट राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना को भी बड़े पैमाने पर मिलते रहे हैं।